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नई दिल्ली: शेख हसीना के बांग्लादेश की पीएम पद से इस्तीफे के बाद वहां हिंदुओं पर जमकर अटैक के मामले सामने आए थे। उस समय वहां मंदिरों को भी निशाना बनाया गया है। हालांकि, भारत सरकार ने ऐसे वक्त में करारा विरोध जताया जिसके बाद हालात कुछ सामान्य हुए। अभी ये मामला चल ही रहा था इसी बीच कनाडा के मंदिर में हिंदुओं पर अटैक का वीडियो सामने आया। इस हमले का आरोप खालिस्तानी चरमपंथियों पर है। कनाडा में हिंदुओं पर हमले के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जस्टिन ट्रूडो सरकार को जमकर फटकार लगाई। चाहे पीएम मोदी हों या विदेश मंत्री एस. जयशंकर, हर मोर्चे पर केंद्र की ओर से कनाडा सरकार को टारगेट किया जा रहा।बांग्लादेश टू कनाडा... हिंदू सॉफ्ट टारगेट क्यों?
खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके कनाडा सरकार को चेतावनी दी। विदेश मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में कहा कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। जो भी इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कनाडा की ट्रूडो सरकार को कानूनी एक्शन लेना चाहिए। सरकार की ओर से लगातार कनाडा पर इस मामले को गंभीरता से लेने का दबाव बनाया जा रहा। इन सबके बीच सवाल ये भी उठ रहा कि आखिर हिंदू सॉफ्ट टारगेट क्यों बन रहे हैं?
क्या कनाडा बन रहा कट्टरपंथियों की फेवरेट जगह
क्या कनाडा अब कट्टरपंथियों की सबसे फेवरेट जगह बन रहा है? जिस तरह से कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदू मंदिर में पूजा के लिए आए लोगों से मारपीट की, वो चौंकाने वाला है। हमलावरों ने मंदिर में श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। यही नहीं कनाडा पुलिस पर भी हमलावरों के सपोर्ट के आरोप लगे हैं।
मंदिर में खालिस्तानियों के अटैक का जो वीडियो सामने आया है उसमें साफ नजर आ रहा कैसे पुलिस उन हमलावरों का साथ देते नजर आ रहे। सवाल ये कि क्या पुलिस का सपोर्ट मिलने से ये चरमपंथी इतने सक्रिय हो रहे हैं। फिलहाल ट्रुडो सरकार ने मंदिर पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही और जरूरी कार्रवाई करेगी।
पीएम मोदी ने मंदिर अटैक पर कनाडा को घेरा
वहीं कनाडा में हिंदू महासभा मंदिर पर अटैक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा वार किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में इस घटना की कड़ी निंदा की। पीएम मोदी ने कहा कि मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे। हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर ने बताई अटैक की वजह
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले की घटना पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वहां चरमपंथी ताकतों को किस तरह राजनीतिक जगह दी जा रही। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विदेश मंत्री ने कनाडा को लेकर ये कमेंट किया। केवल भारत की सरकार नहीं बल्कि कनाडा की विपक्षी पार्टियों और वहां के कई सांसदों ने भी हिंदुओं पर अटैक को लेकर ट्रूडो सरकार को आड़े हाथों लिया है।
ऐसे मामलों में कैसे लगेगी लगाम
जिस तरह से कनाडा और उससे पहले बांग्लादेश में हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा उसे लेकर सवाल उठना लाजमी है। आखिर केंद्र सरकार इस मुद्दे को कैसे संभालेगी। क्या दुनिया में हिंदुओं की राजनीतिक ताकत कमजोर पड़ रही? क्या इसी बात का फायदा भारत-विरोधी देश उठाना चाहते हैं? वे भारत में अलगाववाद के समर्थक लोगों को उकसाने की कोशिश कर रहे।
बांग्लादेश टू कनाडा... हिंदू सॉफ्ट टारगेट क्यों?
खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके कनाडा सरकार को चेतावनी दी। विदेश मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में कहा कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। जो भी इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कनाडा की ट्रूडो सरकार को कानूनी एक्शन लेना चाहिए। सरकार की ओर से लगातार कनाडा पर इस मामले को गंभीरता से लेने का दबाव बनाया जा रहा। इन सबके बीच सवाल ये भी उठ रहा कि आखिर हिंदू सॉफ्ट टारगेट क्यों बन रहे हैं?क्या कनाडा बन रहा कट्टरपंथियों की फेवरेट जगह
क्या कनाडा अब कट्टरपंथियों की सबसे फेवरेट जगह बन रहा है? जिस तरह से कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदू मंदिर में पूजा के लिए आए लोगों से मारपीट की, वो चौंकाने वाला है। हमलावरों ने मंदिर में श्रद्धालुओं को लाठी-डंडों से पीटा। यही नहीं कनाडा पुलिस पर भी हमलावरों के सपोर्ट के आरोप लगे हैं।मंदिर में खालिस्तानियों के अटैक का जो वीडियो सामने आया है उसमें साफ नजर आ रहा कैसे पुलिस उन हमलावरों का साथ देते नजर आ रहे। सवाल ये कि क्या पुलिस का सपोर्ट मिलने से ये चरमपंथी इतने सक्रिय हो रहे हैं। फिलहाल ट्रुडो सरकार ने मंदिर पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि पुलिस मामले की जांच कर रही और जरूरी कार्रवाई करेगी।
पीएम मोदी ने मंदिर अटैक पर कनाडा को घेरा
वहीं कनाडा में हिंदू महासभा मंदिर पर अटैक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करारा वार किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में इस घटना की कड़ी निंदा की। पीएम मोदी ने कहा कि मैं कनाडा में एक हिंदू मंदिर पर जानबूझकर किए गए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायरतापूर्ण कोशिशें भी उतनी ही भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं करेंगे। हम कनाडा सरकार से न्याय सुनिश्चित करने और कानून के शासन को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं।विदेश मंत्री जयशंकर ने बताई अटैक की वजह
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर पर हमले की घटना पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि वहां चरमपंथी ताकतों को किस तरह राजनीतिक जगह दी जा रही। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विदेश मंत्री ने कनाडा को लेकर ये कमेंट किया। केवल भारत की सरकार नहीं बल्कि कनाडा की विपक्षी पार्टियों और वहां के कई सांसदों ने भी हिंदुओं पर अटैक को लेकर ट्रूडो सरकार को आड़े हाथों लिया है।ऐसे मामलों में कैसे लगेगी लगाम
जिस तरह से कनाडा और उससे पहले बांग्लादेश में हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा उसे लेकर सवाल उठना लाजमी है। आखिर केंद्र सरकार इस मुद्दे को कैसे संभालेगी। क्या दुनिया में हिंदुओं की राजनीतिक ताकत कमजोर पड़ रही? क्या इसी बात का फायदा भारत-विरोधी देश उठाना चाहते हैं? वे भारत में अलगाववाद के समर्थक लोगों को उकसाने की कोशिश कर रहे।क्या केंद्र लेगा कोई एक्शन?
भारत के बाहर अगर सिखों की सबसे ज्यादा आबादी कहीं है तो वो कनाडा है। ऐसे में वहां के सिखों को उकसा कर इस घटना को अंजाम दिया जा रहा। इससे पहले बांग्लादेश में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था जब कट्टरपंथियों ने हिंदुओं को टारगेट किया। मंदिरों को निशाना बनाया। लूटपाट और मार-पीट की घटनाएं सामने आई थीं। सवाल ये कि आखिर केंद्र सरकार इससे कैसे निपटेगी। क्या मोदी सरकार कनाडा की सरकार को दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संबंध में कोई कूटनीतिक दबाव बनाने में सफल होगी। क्या सच में ट्रूडो सरकार इस तरह के मामलों पर लगाम के लिए कोई सख्त कदम उठाएगी, देखना दिलचस्प होगा।
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